थराली बद्रीनाथ वन प्रभाग के अंदर आने वाले जंगलों में चारो तरफ आग लगी हुई है, एक तरफ नही चारो ओर चीड़ के जंगल धू धू कर जल रहे है, अभी गर्मी अपने चरम पर नही पहुंची मगर सरफिरे जंगलों को जला रहे है। जिसके कारण वातावरण में चारो ओर जहरीली गैस फैल गई है, जिसके कारण बुजुर्गो को और बच्चो को सांस लेने में परेशानी होने लगीं है। आखिर गांव गांव लेबल पर आग बुझाने वाले कर्मचारियों को रखने का दावा करने वाला वन विभाग चैन की नीद क्यों सोया है। जबकि ग्राउंड लेबल पर काम करने वाले वन कर्मियों का कहना है आग इतनी भीषण है की काबू पाना मुश्किल हो रहा है, उनके पास इतने संसाधन नहीं है ।इस आग से जंगलों का जीव जंतुओं का जान माल का नुकसान तो होता ही है बल्कि इंसानों पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। वावजूद इसके इन आग लगाने वालो पर शिकंजा नही कसा जा रहा है। जरूरत है कोई ठोस कानून की ताकि कोई भी ऐसी हिमाकत न कर सके।
YASH UTTARAKHAND NEWS
- अग्निवीर भर्ती पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण के लिए एसओपी तैयार, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर खेल एवं युवा कल्याण सभी जिलों में देगा प्रशिक्षण
- श्री केदारनाथ धाम के कपाट हुए बंद, सीएम धामी भी रहे मौजूद, इस वर्ष रिकॉर्ड 17.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन
- गोवर्धन पूजा के अवसर पर सीएम धामी ने की गौमाता की पूजा, गाय माता के सरंक्षण को लेकर की अपील
- उत्तराखंड की रजत जयंती पर्व, नई ऊर्जा, नए संकल्प; 03 से 09 नवंबर तक मनाएंगे रजत जयंती सप्ताह
- मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा, पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रियों की सुविधाओं का किया निरीक्षण
