थराली बद्रीनाथ वन प्रभाग के अंदर आने वाले जंगलों में चारो तरफ आग लगी हुई है, एक तरफ नही चारो ओर चीड़ के जंगल धू धू कर जल रहे है, अभी गर्मी अपने चरम पर नही पहुंची मगर सरफिरे जंगलों को जला रहे है। जिसके कारण वातावरण में चारो ओर जहरीली गैस फैल गई है, जिसके कारण बुजुर्गो को और बच्चो को सांस लेने में परेशानी होने लगीं है। आखिर गांव गांव लेबल पर आग बुझाने वाले कर्मचारियों को रखने का दावा करने वाला वन विभाग चैन की नीद क्यों सोया है। जबकि ग्राउंड लेबल पर काम करने वाले वन कर्मियों का कहना है आग इतनी भीषण है की काबू पाना मुश्किल हो रहा है, उनके पास इतने संसाधन नहीं है ।इस आग से जंगलों का जीव जंतुओं का जान माल का नुकसान तो होता ही है बल्कि इंसानों पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। वावजूद इसके इन आग लगाने वालो पर शिकंजा नही कसा जा रहा है। जरूरत है कोई ठोस कानून की ताकि कोई भी ऐसी हिमाकत न कर सके।
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